हरियाणा

सर्व कर्मचारी संघ के सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

सत्यखबर,नूंह (ऐ के बघेल )

मेवात के जिला मुख्यालय के लघु सचिवालय पर सर्व कर्मचारी संघ जिला नूंह के सैकड़ों कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर नई पेंशन योजना को समाप्त करके पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, ठेका प्रथा बंद करके स्थाई रोजगार प्रदान करने तथा राज्य कर्मचारियों की लंबित मांगों को शीघ्र लागू करने की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त अशोक शर्मा के मार्फत ज्ञापन सौंपा प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान तैयब हुसैन वह राज्य मुख्य संगठन सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने केंद्र सरकार पर कर्मचारियों की पेंशन समाप्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत में ब्रिटिश काल से ही सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लाभ के रुप में पेंशन देने का प्रावधान था देश की आजादी के बाद पेंशन प्रणाली में सुधार करके इस को व्यापक बनाकर पारिवारिक पेंशन को और जोड़ दिया गया इस पेंशन की प्राप्ति के लिए कर्मचारियों को अपनी तरफ से कुछ भी सहयोग राशि नहीं देनी पड़ती थी लेकिन भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 से अंशदायी पेंशन योजना लागू कर दी प्रदेश में यह स्कीम 1 जनवरी 2006 से लागू है इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को प्रतिमाह पेंशन के लिए 10% राशि अपने वेतन से कटौती कर कर जमा करानी पड़ती है डंगवाल ने बताया कि अंशदाई पेंशन योजना कुल मिलाकर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है सरकार का इस पर नियंत्रण नहीं रहेगा लेकिन केंद्र सरकार पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी एक्ट को पास करके पुरानी पेंशन स्कीम को बंद करने पर आमादा है एक तरफ देश के सांसदों विधायकों एवं मंत्रियों को सारी उम्र पेंशन देने का निर्णय लिया जाता है वहीं दूसरी तरफ वर्षों तक सरकारी सेवा करने वाले कर्मचारियों को पेंशन से वंचित रखा जा रहा है यह केंद्र सरकार के दोहरे मापदंड को उजागर करता है वहीं बीरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग में लाखों पद रिक्त हैं नई भर्ती बंद है ठेके पर मजदूर लगाए जाते हैं जिसके कारण जन सेवाओं के विभागों में प्रतिदिन नियमित रोजगार घट रहा है शिक्षित बेरोजगार ठेकेदारी प्रथा में काम करने पर मजबूर है ठेके का रोजगार स्थाई है जिसमें वेतन बहुत कम होता है ठेकेदार तथा अधिकारी कच्चे कर्मचारियों का शोषण करते हैं कच्चे कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन तक नहीं दिया जाता है जबकि देश की सर्वोच्च न्यायालय ने 26 अक्टूबर 2016 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में समान काम के लिए समान वेतन देने का ऐलान किया था लेकिन राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को तोड़-मरोड़ कर लागू कर रही है डंगवाल ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2014 में विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधिन सरकार ने कर्मचारियों की सभी मांगों को लागू करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के लागू होने के वाद शिक्षा भत्ता ,मेडिकल भत्ता तक नहीं दिया है कर्मचारियों की मुख्य मांगों में 2 वर्ष की सेवाकाल पूर्ण रूप से पूर्ण कर चुके कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने पुरानी स्कीम बहाल करने पंजाब के समान वेतन देने कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू करने निजीकरण पर रोक लगाने पंचायती पंप ऑपरेटर के वेतन का भुगतान बैंकों के माध्यम से करने जैसी मांगों को लेकर लघु सचिवालय पर सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button